Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2023 · 1 min read

हमारे विपक्ष में

हमारे विपक्ष में
दो तरह के तैराक हैं।
आधे “खारी बाबडी के”
आधे “झूमरी तलैया के।।”

🙅प्रणय प्रभात🙅

1 Like · 106 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
वाक्यांश
वाक्यांश
Godambari Negi
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
Ms.Ankit Halke jha
रिहाई - ग़ज़ल
रिहाई - ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
Rajesh Kumar Arjun
समय करेगा निर्णय
समय करेगा निर्णय
Shekhar Chandra Mitra
कम आ रहे हो ख़़्वाबों में आजकल,
कम आ रहे हो ख़़्वाबों में आजकल,
Shreedhar
एक नया इतिहास लिखो
एक नया इतिहास लिखो
Rashmi Sanjay
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर दोहे
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर दोहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्रेम
प्रेम
श्याम सिंह बिष्ट
★दर्द भरा जीवन तेरा दर्दों से घबराना नहीं★
★दर्द भरा जीवन तेरा दर्दों से घबराना नहीं★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
"बेहतर है चुप रहें"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-94💐
💐प्रेम कौतुक-94💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कन्यादान क्यों और किसलिए [भाग ७]
कन्यादान क्यों और किसलिए [भाग ७]
Anamika Singh
मेरे होंठों पर
मेरे होंठों पर
Surinder blackpen
जज़्बा क़ायम जिंदगी में
जज़्बा क़ायम जिंदगी में
Satish Srijan
*रामपुर के पाँच पुराने कवि*
*रामपुर के पाँच पुराने कवि*
Ravi Prakash
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आदि शक्ति माँ
आदि शक्ति माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
rekha mohan
उसको फिर उससा
उसको फिर उससा
Dr fauzia Naseem shad
बदनाम दिल बेचारा है
बदनाम दिल बेचारा है
Taj Mohammad
The Send-Off Moments
The Send-Off Moments
Manisha Manjari
बेऔलाद ही ठीक है यारों, हॉं ऐसी औलाद से
बेऔलाद ही ठीक है यारों, हॉं ऐसी औलाद से
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दवा और दुआ में इतना फर्क है कि-
दवा और दुआ में इतना फर्क है कि-
Santosh Barmaiya #jay
कौन सोचता....
कौन सोचता....
डॉ.सीमा अग्रवाल
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
Dushyant Kumar
■ धिक्कार....
■ धिक्कार....
*Author प्रणय प्रभात*
✍️मुझे कातिब बनाया✍️
✍️मुझे कातिब बनाया✍️
'अशांत' शेखर
मित्र दिवस पर आपको, सादर मेरा प्रणाम 🙏
मित्र दिवस पर आपको, सादर मेरा प्रणाम 🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...