Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

स्वाभिमान

उस रात किसी ने मुझे झिंझोड़कर जगा दिया ,
उठकर देखा तो सामने एक साया था ,

मैंने पूछा कौन हो तुम ?
उसने कहा मैं तुम्हारा स्वाभिमान हूँ ,

अपने स्वार्थ के लिए तुम मुझे भूल चुके हो ,
अपने आप से तुम समझौता कर चुके हो ,
औरों के हाथों की कठपुतली बन चुके हो ,

तुम्हे ये पता नहीं है कि एक दिन तुम्हें
नकार दिया जाएगा ,
फिर खोया हुआ समय लौटकर
ना आएगा ,

अब भी समय रहते,
स्वार्थ की गहरी नींद से बाहर आओ ,
अपने अंतस्थ मुझे जगाओ ,

वरना, क्षोभ के सिवा कुछ हाथ न लगेगा ,
पश्चाताप की अग्नि में यह जीवन जलेगा।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

रंग काला है चाय तेरा
रंग काला है चाय तेरा
ARVIND KUMAR GIRI
जो कभी था अहम, वो अदब अब कहाँ है,
जो कभी था अहम, वो अदब अब कहाँ है,
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कोई पढ़ ले न चेहरे की शिकन
कोई पढ़ ले न चेहरे की शिकन
Shweta Soni
दिल को रह रह के ये अंदेशे डराने लग जाएं
दिल को रह रह के ये अंदेशे डराने लग जाएं
इशरत हिदायत ख़ान
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
न्याय करे मनमर्जी ना हो
न्याय करे मनमर्जी ना हो
AJAY AMITABH SUMAN
रुपया-पैसा -प्यासा के कुंडलियां (Vijay Kumar Pandey pyasa'
रुपया-पैसा -प्यासा के कुंडलियां (Vijay Kumar Pandey pyasa'
Vijay kumar Pandey
#संसार की उपलब्धि
#संसार की उपलब्धि
Radheshyam Khatik
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
थोड़ा-थोड़ा सा साकारात्मक
थोड़ा-थोड़ा सा साकारात्मक
Ragini Kumari
एक देशभक्त की अभिलाषा
एक देशभक्त की अभिलाषा
Sarla Mehta
बुड़बक बेटा आज्ञाकारी।
बुड़बक बेटा आज्ञाकारी।
Acharya Rama Nand Mandal
मंजिलें
मंजिलें
Mukesh Kumar Sonkar
भोली चिरइया आसमा के आंगन में,
भोली चिरइया आसमा के आंगन में,
पूर्वार्थ देव
4890.*पूर्णिका*
4890.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सैनिक के घर करवाचौथ
सैनिक के घर करवाचौथ
Dr.Pratibha Prakash
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
आपरेशन चूड़ी
आपरेशन चूड़ी
Sudhir srivastava
नदी से जल सूखने मत देना, पेड़ से साख गिरने मत देना,
नदी से जल सूखने मत देना, पेड़ से साख गिरने मत देना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
पहचान ही क्या
पहचान ही क्या
Swami Ganganiya
"जाल"
Dr. Kishan tandon kranti
उन कचोटती यादों का क्या
उन कचोटती यादों का क्या
Atul "Krishn"
बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला
बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला
Ami
नदी (पहले और आज)
नदी (पहले और आज)
Uttirna Dhar
"वक्त"के भी अजीब किस्से हैं
नेताम आर सी
है कौन सबसे विशाल
है कौन सबसे विशाल
उमा झा
कर्म ही पूजा है ।
कर्म ही पूजा है ।
Diwakar Mahto
ಒಂದೇ ಆಸೆ....
ಒಂದೇ ಆಸೆ....
ಗೀಚಕಿ
कहां याद कर पाते हैं
कहां याद कर पाते हैं
शिवम राव मणि
Loading...