*स्वर्ग-लोक कहलाता है (गीतिका)*

*स्वर्ग-लोक कहलाता है (गीतिका)*
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(1)
अच्छे लोग जहॉं रहते हैं, स्वर्ग-लोक कहलाता है
शुभ विचारधारा-गतिविधि से, स्वर्ग-लोक बन जाता है
(2)
जहॉं परस्पर प्रेम पल रहा, और बड़े आदर पाते
उस घर का ही सच पूछो तो, स्वर्ग-लोक से नाता है
(3)
धरती पर जिस-जिस ने अच्छे काम किए हैं जीवन में
पुनर्जन्म में स्वर्ग-लोक में, वह कुछ समय बिताता है
(4)
स्वर्ग-लोक से काश ! हमारी, भी बातें हो पातीं कुछ
देखें कब विज्ञान हमारा, क्या आगे बढ़ पाता है
(5)
कभी नहीं बूढ़े होते क्यों, स्वर्ग-लोक में रहते जो
देखें कब इसके रहस्य से, पर्दा कौन उठाता है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451