Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2017 · 1 min read

स्त्री हो तुम…….हद मे रहो अपनी…..

स्त्री हो तुम….हद मे रहो अपनी
हमेश यही तो हमने पुरुष को कहते सुना है ॥ सारा जीवन पुरुष ने जिया अपनी स्वेच्छा से।
और हम पीछे पीछे चलते रहे उनकी इच्छा से।
कब पुरुष की सहमति के बिना हमने कोई ख्वाब बुना है॥
कभी पिता,कभी पति,कभी पुत्र,कभी भाई।
स्त्री कब किसी से अपने मन की कह पाई।
शब्द मौन हो गये उसके पुरुषत्व की इन आँखों में
अपनी मर्जी से कहाँ कुछ उसने अपने लिये चुना है॥
न किसी पर भी हक़ सारा जीवन बस संरक्षण।
पुरुष ने ले लिया अपने हाथों में स्त्री का क्षण प्रति क्षण।
भूल ज़रा सी काबिले माफ़ी होती नही
कहाँ पुरुष के दिल में उसके लिये करुणा है॥
स्त्री का तो पूरा जीवन ही है समर्पण।
पुरुष ने कब किया है अपना सर्वस्व अर्पण।
छुप छुप कर रोना है इर हँस कर हर रिश्ता निभाना है॥
स्त्री के अंतर्मन में प्यार क्षमा का सागर पुरूषों से गहरा लाख गुना है॥
धूमधाम से मनाते यहाँ पुरुष बेटी महिला मातृ दिवस।
भावनाओं को समझो उनकी इतना ही तुमसे चाहती है बस।
पुरुषत्व कायम है तुम्हारा क्योंकि हमने सीखा झुकना है
कुछ भागीदारी है हमारी भी तुम्हारे मान सम्मान में बस इतना ही तुमको समझाना है॥
स्त्री हो तुम…. हद में रहो अपनी
हमेशा यही तो पुरुष को कहते सुना है॥

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 461 Views
You may also like:
रंग बरसे
रंग बरसे
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
बहाव के विरुद्ध कश्ती वही चला पाते जिनका हौसला अंबर की तरह ब
बहाव के विरुद्ध कश्ती वही चला पाते जिनका हौसला अंबर...
Dr.Priya Soni Khare
अख़बारों में क्या रखा है?
अख़बारों में क्या रखा है?
Shekhar Chandra Mitra
वाणी की देवी वीणापाणी और उनके श्री विगृह का मूक सन्देश (वसंत पंचमी विशेष लेख)
वाणी की देवी वीणापाणी और उनके श्री विगृह का मूक...
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
मेरी आत्मा ईश्वर है
मेरी आत्मा ईश्वर है
Ankit Halke jha
The Hard Problem of Law
The Hard Problem of Law
AJAY AMITABH SUMAN
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
थोपा गया कर्तव्य  बोझ जैसा होता है । उसमें समर्पण और सेवा-भा
थोपा गया कर्तव्य बोझ जैसा होता है । उसमें समर्पण...
Seema Verma
बुखारे इश्क
बुखारे इश्क
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
मुझे प्रीत है वतन से,
मुझे प्रीत है वतन से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कुछ कहा मत करो
कुछ कहा मत करो
Dr. Sunita Singh
नम पड़ी आँखों में सवाल फिर वही है, क्या इस रात की सुबह होने को नहीं है?
नम पड़ी आँखों में सवाल फिर वही है, क्या इस...
Manisha Manjari
केवल आनंद की अनुभूति ही जीवन का रहस्य नहीं है,बल्कि अनुभवों
केवल आनंद की अनुभूति ही जीवन का रहस्य नहीं है,बल्कि...
Aarti Ayachit
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में,
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग...
Arvind trivedi
अगर तुम प्यार करते हो तो हिम्मत क्यों नहीं करते। अगर पाने की कोशिश है बगावत क्यों नही करते। फरिश्ते की सिफत में मान बैठे हो भला क्यों कर। अगर मुझसे शिकायत है शिकायत क्यों नहीं करते।
अगर तुम प्यार करते हो तो हिम्मत क्यों नहीं करते।...
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कह कर गुजर गई उस रास्ते से,
कह कर गुजर गई उस रास्ते से,
Shakil Alam
ਸੀਨੇ ਨਾਲ ਲਾਇਆ ਨਹੀਂ ਕਦੇ
ਸੀਨੇ ਨਾਲ ਲਾਇਆ ਨਹੀਂ ਕਦੇ
Surinder blackpen
निज स्वार्थ ही शत्रु है, निज स्वार्थ ही मित्र।
निज स्वार्थ ही शत्रु है, निज स्वार्थ ही मित्र।
श्याम सरीखे
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Seema gupta,Alwar
दो कदम साथ चलो
दो कदम साथ चलो
VINOD KUMAR CHAUHAN
हादसा जब कोई
हादसा जब कोई
Dr fauzia Naseem shad
असर होता है इन दुआओं में।
असर होता है इन दुआओं में।
Taj Mohammad
"किताब और कलम"
Dr. Kishan tandon kranti
* जिंदगी में कब मिला,चाहा हुआ हर बार है【मुक्तक】*
* जिंदगी में कब मिला,चाहा हुआ हर बार है【मुक्तक】*
Ravi Prakash
चौबोला छंद (बड़ा उल्लाला) एवं विधाएँ
चौबोला छंद (बड़ा उल्लाला) एवं विधाएँ
Subhash Singhai
दांतो का सेट एक ही था
दांतो का सेट एक ही था
Ram Krishan Rastogi
■ प्रेरक प्रसंग
■ प्रेरक प्रसंग
*Author प्रणय प्रभात*
वक्त का लिहाज़
वक्त का लिहाज़
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
शेर
शेर
pradeep nagarwal
💐💐छोरी स्मार्ट बन री💐💐
💐💐छोरी स्मार्ट बन री💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...