सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
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सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
कल झूठा पर आज सच, कर इसका सत्कार।।
कौन किसी के साथ है, कौन करे अलगाव।
इसका केवल वक़्त ही, बता सके है भाव।।
आर. एस. ‘प्रीतम’
सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
कल झूठा पर आज सच, कर इसका सत्कार।।
कौन किसी के साथ है, कौन करे अलगाव।
इसका केवल वक़्त ही, बता सके है भाव।।
आर. एस. ‘प्रीतम’