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26 Nov 2016 · 1 min read

*गुलाब *…….सुर्ख लाल कली मैं गुलाब की।

**गुलाब**
———
सुर्ख लाल कली मैं गुलाब की।
खिली बाग में,नहीं कोई ख्वाब की।
आशिक की खुशी में बसती हूँ ,
बाँटते प्यार मुझसे बेहिसाब की।
@पूनम झा|कोटा ,राजस्थान |

Language: Hindi
429 Views
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