करीम तू ही बता
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सामने आओ तो दीदार करूं,
इबादत रुबरू हो
दिल से थोड़ा प्यार करूं।
सदियां गुजरी राह देखते तेरी ।
करीम तू ही बता
कितना इन्तजार करूं।
सतीश सृजन, लखनऊ.
सामने आओ तो दीदार करूं,
इबादत रुबरू हो
दिल से थोड़ा प्यार करूं।
सदियां गुजरी राह देखते तेरी ।
करीम तू ही बता
कितना इन्तजार करूं।
सतीश सृजन, लखनऊ.