सही पंथ पर चले जो
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ऊपर बैठा देख रहा
प्रभु सबके गुण कर्म
उसने हिस्से में लिखा
मानवता का ही धर्म
सही पंथ पर चले जो
वो पुण्य के भागीदार
पथ से विचलन देता
जीवन में कष्ट अपार
ममता, करुणा, स्नेह
दया रब के हैं उपहार
रब की कृपा से ही करे
हर मनुष्य परोपकार
हे प्रभु जीवन पथ को
बनाइए सुकृति से युक्त
मानवता का ख्याल रख
करूं हर कार्य उपयुक्त