Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2017 · 1 min read

‘सहज’ के दोहे -खामोशी

खामोशी पसरी रही,लोग रहे भयभीत।
दूर-दूर तक मौन थे,छन्द-ग़ज़ल औ गीत।
हम जब तक खामोश थे,खूब चल गई पोल।
ठान लिया अब बोलना,होगा डब्बा गोल।
खामोशी से क्या मिला,समझे गए गँवार।
ख़ुदगर्ज़ों का काफिला,फूला-फला अपार।
कुछ खामोशी में जिएं,कुछ के बाजें ढोल।
‘सहज’ नहीं आसान यह,कह-सुन गाँठें खोल ।
@ डा०रघुनाथ मिश्र ‘सहज’
अधिवक्ता /साहित्यकार
सर्वाधिकार सुरक्षित

Language: Hindi
Tag: दोहा
305 Views

Books from DrRaghunath Mishr

You may also like:
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
गज़ब की शीत लहरी है सहन अब की नहीं जाती
गज़ब की शीत लहरी है सहन अब की नहीं जाती
Dr Archana Gupta
“BE YOURSELF TALENTED SO THAT PEOPLE APPRECIATE YOU THEMSELVES”
“BE YOURSELF TALENTED SO THAT PEOPLE APPRECIATE YOU THEMSELVES”
DrLakshman Jha Parimal
हार जाती है
हार जाती है
Dr fauzia Naseem shad
बरसात
बरसात
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जर्मनी से सबक लो
जर्मनी से सबक लो
Shekhar Chandra Mitra
■ #नव_वर्षाभिनंदन
■ #नव_वर्षाभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
बहुत कीमती है दिल का सुकून
बहुत कीमती है दिल का सुकून
shabina. Naaz
अब फक़त तेरा सहारा, न सहारा कोई।
अब फक़त तेरा सहारा, न सहारा कोई।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
" कुरीतियों का दहन ही विजयादशमी की सार्थकता "
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मुक्तक व दोहा
मुक्तक व दोहा
अरविन्द व्यास
कवि की कल्पना
कवि की कल्पना
Rekha Drolia
"वो हसीन खूबसूरत आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
*तुम साँझ ढले चले आना*
*तुम साँझ ढले चले आना*
Shashi kala vyas
दुनिया में क्यों दुख ही दुख है
दुनिया में क्यों दुख ही दुख है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
है स्वर्ग यहीं
है स्वर्ग यहीं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सजल
सजल
Rashmi Sanjay
The life is too small to love you,
The life is too small to love you,
Sakshi Tripathi
सिद्धार्थ से वह 'बुद्ध' बने...
सिद्धार्थ से वह 'बुद्ध' बने...
Buddha Prakash
अपकर्म
अपकर्म
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*महान साहित्यकार डॉक्टर छोटेलाल शर्मा नागेंद्र के पत्र*
*महान साहित्यकार डॉक्टर छोटेलाल शर्मा नागेंद्र के पत्र*
Ravi Prakash
दोहावली...(११)
दोहावली...(११)
डॉ.सीमा अग्रवाल
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ਚੇਤੇ ਆਉਂਦੇ ਲੋਕ
ਚੇਤੇ ਆਉਂਦੇ ਲੋਕ
Surinder blackpen
💐अज्ञात के प्रति-122💐
💐अज्ञात के प्रति-122💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पिता की नियति
पिता की नियति
Prabhudayal Raniwal
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
Pakhi Jain
A little hope can kill you.
A little hope can kill you.
Manisha Manjari
बंजर जमीं सा था वजूद मेरा।
बंजर जमीं सा था वजूद मेरा।
Taj Mohammad
नववर्ष 2023
नववर्ष 2023
Saraswati Bajpai
Loading...