सवाल में ज़िन्दगी के आयाम नए वो दिखाते हैं, और जवाब में वैराग्य की राह में हमें भटकाते हैं।
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बिखरते हैं लम्हें, तो ख़्वाब भी रुलाते हैं,
झलक खुशियों की दिखाकर, वो अँधेरे लौट आते हैं।
दुआएं सलामती की, जिसके लिए मांगे जाते हैं,
वही अपनों के बीच, हमें हीं पराया बनाते हैं।
राहों से हमारी यूँ हीं टकरा जाते हैं,
और राहें हमने रोकीं, ये इल्जाम भी लगाते हैं।
रूह की गहराईयों में, जिससे बंधन बांधे जाते हैं,
वही जल्दबाज़ी का नाम दे, रूह को रुसवा कर जाते हैं।
मुस्कुराहटों को जीवन में भरने की, कसमें जो हर पल खाते हैं,
वही मुस्कुराहटों को, अपनी आहटों का इंतज़ार दे जाते हैं।
आँखों को नयी रौशनी का आसमां जो दिखाते हैं,
वही नींदे भी सोती आँखों, से चुरा कर लिए जाते हैं।
कहानी को नया मोड़ देने के वादे वो कर के आते हैं,
और फिर हमसे, हमारी कहानी भी छीन जाते हैं।
सवाल में ज़िन्दगी के आयाम नए वो दिखाते हैं,
और जवाब में वैराग्य की राह में हमें भटकाते हैं।