सवाल जिंदगी के
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सवालों से मत भागो, ये फिर खड़े हो जाएंगे
मसले अभी सुलझा लो , कल बड़े हो जायेंगे
आंखे फेर लेना अच्छी तरकीब नही
शोलों को हवा न दो, झोपड़े जल जायेंगे
अपने घर बात घर में ही रखना
दरवाजे खोले , तमाशबीन इकट्ठे हो जायेंगे
दीवार अपने घर की जरा मजबूत रखना
गिर गई तो लोग , सहन से रस्ता बनाएंगे
डा राजीव “सागर”