सर के बल चलकर आएँगी, खुशियाँ अपने आप।
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सर के बल चलकर आएँगी, खुशियाँ अपने आप।
सहला तेरे तप्त बदन को, हर लेंगी संताप।
कर्म किए जा बस तू अपना, बिन सोचे परिणाम।
ऐसी-तैसी कर दुनिया की, भली करेंगे राम।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
सर के बल चलकर आएँगी, खुशियाँ अपने आप।
सहला तेरे तप्त बदन को, हर लेंगी संताप।
कर्म किए जा बस तू अपना, बिन सोचे परिणाम।
ऐसी-तैसी कर दुनिया की, भली करेंगे राम।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद