Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2018 · 1 min read

सर्दी

……..
१.
कोहरे की छाया घनी धूप खीली ना आज,
बिद्यालय सब बंद हुये माँ के बढ गए काज।
माँ के बढगये काज काम हर दिन से ज्यादा,
पकवान छनौरी बन रही पनीर दो प्याजा।।
कहे ‘सचिन’कविराय ठंड से मन भी सीहरे
सूरज का हड़ताल दिखें कोहरे हीं कोहरे।।


जाड़ा ने इस वर्ष भी, किया खड़ा है खांट,
सर्दी इतनी बढ गई, काम करे ना हाथ।
काम करे ना हाथ, रजाई छोड़ें कैसे,
ठंढा पानी डाल, नहायें धोयें कैसे।
पानी छूते हीं दिन में दिखता तारा,
कोट स्वेटर पहनलो फिर भी लगता जाड़ा।।
…..
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”

402 Views

Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'

You may also like:
नाशुक्रा
नाशुक्रा
Satish Srijan
सूर्य कुमार यादव
सूर्य कुमार यादव
Shekhar Chandra Mitra
बच्चों की दिपावली
बच्चों की दिपावली
Buddha Prakash
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
इक अजीब सी उलझन है सीने में
इक अजीब सी उलझन है सीने में
करन मीना ''केसरा''
💐अज्ञात के प्रति-37💐
💐अज्ञात के प्रति-37💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नफरते का दौर . .में
नफरते का दौर . .में
shabina. Naaz
कनि हँसियाै ने सजनी kani hasiyo ne sajni lyrics
कनि हँसियाै ने सजनी kani hasiyo ne sajni lyrics
Music Maithili
समय पर संकल्प करना...
समय पर संकल्प करना...
Manoj Kushwaha PS
मोबाईल की लत
मोबाईल की लत
शांतिलाल सोनी
~पिता~कविता~
~पिता~कविता~
Vijay kumar Pandey
हे! राम
हे! राम
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
अभी भी शुक्रिया साँसों का, चलता सिलसिला मालिक (मुक्तक)
अभी भी शुक्रिया साँसों का, चलता सिलसिला मालिक (मुक्तक)
Ravi Prakash
निश्छल छंद विधान
निश्छल छंद विधान
डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
== करो मनमर्जी अपनी ==
== करो मनमर्जी अपनी ==
गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार
आप नहीं होते ऐसे सिर पे हमारे
आप नहीं होते ऐसे सिर पे हमारे
gurudeenverma198
" अभिव्यक्ति "
DrLakshman Jha Parimal
आईना सच अगर दिखाता है
आईना सच अगर दिखाता है
Dr fauzia Naseem shad
देखकर उन्हें देखते ही रह गए
देखकर उन्हें देखते ही रह गए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सलाह
सलाह
श्याम सिंह बिष्ट
एकता
एकता
Aditya Raj
✍️'रामराज्य'
✍️'रामराज्य'
'अशांत' शेखर
Aksharjeet shayari..अपनी गलतीयों से बहुत कूछ सिखा हैं मैने ...
Aksharjeet shayari..अपनी गलतीयों से बहुत कूछ सिखा हैं मैने ...
AK Your Quote Shayari
नायक
नायक
Saraswati Bajpai
शेर
शेर
Rajiv Vishal
"हमारी मातृभाषा हिन्दी"
Prabhudayal Raniwal
गुमान किस बात का
गुमान किस बात का
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
गजल
गजल
जगदीश शर्मा सहज
■ आज का नुस्खा
■ आज का नुस्खा
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...