*सरस्वती वन्दना*
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सरस्वती वन्दना
(घनाक्षरी :सिंह विलोकित छंद)
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वर दो माँ शारदे समस्त राष्ट्र-भारत में
सबके हृदय राष्ट्र-चेतना से भर दो
भर दो माँ पावक पुनीत पुण्यवान ऐसी
राष्ट्र वंदनीय अभिनन्दनीय कर दो
कर दो विजेता वाला तेज राष्ट्र – जीवन में
अविराम राष्ट्रभक्ति सबको प्रखर दो
प्रखर दो भाव राष्ट्र सिंह-सा हो वीर बली
वीरवृत्ति फैले चहुँ ओर यही वर दो
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रचयिता:रवि प्रकाश, रामपुर