“समय क़िस्मत कभी भगवान को तुम दोष मत देना
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“समय क़िस्मत कभी भगवान को तुम दोष मत देना
ख़ुशी ग़म जो तुम्हें हासिल ये कर्मों का तक़ाज़ा है”
शब्दार्थ- हासिल- प्राप्त हुए, तक़ाज़ा- माँग
आर. एस. ‘प्रीतम’
“समय क़िस्मत कभी भगवान को तुम दोष मत देना
ख़ुशी ग़म जो तुम्हें हासिल ये कर्मों का तक़ाज़ा है”
शब्दार्थ- हासिल- प्राप्त हुए, तक़ाज़ा- माँग
आर. एस. ‘प्रीतम’