सब्जियों पर लिखी कविता
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/06e1b7db09ca0275c4240b1df4e2a1af_26bd3e5a1d2ffac0495fff1b13a245cf_600.jpg)
आलू धनिया मटर टमाटर आज चले सब मेले में।
पालक बैंगन गोभी भी बैठ गए सब ठेले में।
आलू बोला नहीं अकेला मैं तो कभी भी रहता हूं।
आलू मटर और धनिया रहते अक्सर मेरे झमेले में।
तोरई लौकी कद्दू बोले हम भी बड़े निराले है।
मूली और गाजर है सुंदर बैगन दादा काले हैं।
तभी करेला दादी बोली हम भी नहीं किसी से कम।
मुझे हैं जो भी खाते वह सेहत के रखवाले हैं।