Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2022 · 1 min read

सपेरा

बीन की आवाज सुनकर,
खुल गये घर के कपाट,
दौड़ के आए नन्हे मुन्ने ,
देखने सपेरा के सांप ।

फन फैलाये नाग नागिन,
सुन कर बीन की तान,
बाबा संत के वेश में,
सपेरा दिखाए नाच ।

काल को हाथ में लेकर,
दर्शन कराये गलियों में ,
हो जाए खुश नन्हे मुन्ने,
जिन्होंने न देखा जिंदा सांप।

मन प्रसन्न होकर घर को लौटे,
देकर झोली में दान,
प्रकृति का है ये जीव धारी,
सपेरा बीन संग रखे साथ।

रचनाकार ✍🏼✍🏼
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

5 Likes · 4 Comments · 133 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Buddha Prakash

You may also like:
*नन्हीं सी गौरिया*
*नन्हीं सी गौरिया*
Shashi kala vyas
“निर्जीव हम बनल छी”
“निर्जीव हम बनल छी”
DrLakshman Jha Parimal
मेरे 20 सर्वश्रेष्ठ दोहे
मेरे 20 सर्वश्रेष्ठ दोहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दो शे'र ( अशआर)
दो शे'र ( अशआर)
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
पत्नी की प्रतिक्रिया
पत्नी की प्रतिक्रिया
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
शिकवा गिला शिकायतें
शिकवा गिला शिकायतें
Dr fauzia Naseem shad
हम रंगों से सजे है
हम रंगों से सजे है
'अशांत' शेखर
परशुराम का परशु खरीदो,
परशुराम का परशु खरीदो,
Satish Srijan
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
वास्तविक प्रकाशक
वास्तविक प्रकाशक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
subhash Rahat Barelvi
हिन्दी दोहा - स्वागत
हिन्दी दोहा - स्वागत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नेता या अभिनेता
नेता या अभिनेता
Shekhar Chandra Mitra
बेमौसम की देखकर, उपल भरी बरसात।
बेमौसम की देखकर, उपल भरी बरसात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
उम्मीदों का उगता सूरज बादलों में मौन खड़ा है |
उम्मीदों का उगता सूरज बादलों में मौन खड़ा है |
कवि दीपक बवेजा
💐अज्ञात के प्रति-145💐
💐अज्ञात के प्रति-145💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पुलवामा की याद (कुंडलिया)
पुलवामा की याद (कुंडलिया)
Ravi Prakash
बापू के संजय
बापू के संजय
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"माँ"
इंदु वर्मा
केवल आनंद की अनुभूति ही जीवन का रहस्य नहीं है,बल्कि अनुभवों
केवल आनंद की अनुभूति ही जीवन का रहस्य नहीं है,बल्कि अनुभवों
Aarti Ayachit
हर तरफ़ आज दंगें लड़ाई हैं बस
हर तरफ़ आज दंगें लड़ाई हैं बस
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
मत बुझा मुहब्बत के दिए जलने दे
मत बुझा मुहब्बत के दिए जलने दे
shabina. Naaz
उम्मीदों के आसमान पे बैठे हुए थे जब,
उम्मीदों के आसमान पे बैठे हुए थे जब,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ बधाई कोई रेवड़ी नहीं!
■ बधाई कोई रेवड़ी नहीं!
*Author प्रणय प्रभात*
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
"तब कैसा लगा होगा?"
Dr. Kishan tandon kranti
2274.
2274.
Dr.Khedu Bharti
मुट्ठी भर आस
मुट्ठी भर आस
Kavita Chouhan
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...