सनम
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/6723f69eb35dc162d3aeeb2a0d8bed61_d9520ae001f1026eaa755f3bfc1a188d_600.jpg)
हम बेवफा न थे , न कभी हो पाएंगे।
ज़रा बताइए, अकेले हम क्या सुकून पाएंगे।।
जब हम तुमसे है और तुम हो मुझसे ।
तो अकेले हम या तुम, ख़ाक जीत पाएंगे।।
ये लड़ाई जो जिंदगी की , है हम दोनों की।
लड़ेंगे साथ तो, फतह जिंदगी कर जायेंगे।
कसम खाते है,एक दूसरे से हम ” संजय”।
हजारों जख्म भी, हमको न तोड़ पाएंगे।