सधे कदम
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धरती पर दिखाई पड़ती
बस सधे कदम की छाप
सुधिजन खुद को संभालें
ताकि फिर न हो पश्चाताप
सफल वही जो समय की
नजाकत को ले पहचान
अन्यथा चूक पर हंसा करें
जग के सारे आम इंसान
श्रम, युक्ति और विवेक का
हाथ गहे सफलता चहुंओर
इन तीनों के संयोग से सबल
व्यक्ति का डंका बजे हर ओर
हे ईश्वर मेरे मन को कीजिए
सभी संशयों, द्वंद्वों से मुक्त
ताकि जीवन समरांगन में
बना रहूं योद्धा चुस्त दुरुस्त
तेरे चरणों में रखता मन से
मैं ढेर सारे लाल गुलाब
तेरी कृपा से सदा कायम
रहे मानवता में अनुराग