Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2023 · 1 min read

सत्य कड़वा नहीं होता अपितु

सत्य कड़वा नहीं होता अपितु
असत्य प्रेमियों के लिए असहनीय होता है

गौरी तिवारी

2 Likes · 360 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माता- पिता
माता- पिता
Dr Archana Gupta
लोग कहते ही दो दिन की है ,
लोग कहते ही दो दिन की है ,
Sumer sinh
बाट जोहती पुत्र का,
बाट जोहती पुत्र का,
sushil sarna
दहेज की जरूरत नही
दहेज की जरूरत नही
भरत कुमार सोलंकी
★HAPPY BIRTHDAY SHIVANSH BHAI★
★HAPPY BIRTHDAY SHIVANSH BHAI★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
पूर्वार्थ
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
दिल की पुकार है _
दिल की पुकार है _
Rajesh vyas
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नारी सम्मान
नारी सम्मान
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
घरौंदा
घरौंदा
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
कवि रमेशराज
शीर्षक – शुष्क जीवन
शीर्षक – शुष्क जीवन
Manju sagar
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
तुमसे करता हूँ मोहब्बत मैं जैसी
तुमसे करता हूँ मोहब्बत मैं जैसी
gurudeenverma198
ये ज़िंदगी एक अजीब कहानी है !!
ये ज़िंदगी एक अजीब कहानी है !!
Rachana
कोई भी जंग अंग से नही बल्कि हौसले और उमंग से जीती जाती है।
कोई भी जंग अंग से नही बल्कि हौसले और उमंग से जीती जाती है।
Rj Anand Prajapati
श्राद्ध
श्राद्ध
Mukesh Kumar Sonkar
#महाभारत
#महाभारत
*प्रणय प्रभात*
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
Neelam Sharma
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
"हम बड़ा तो हम बड़ा"
Ajit Kumar "Karn"
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
Umender kumar
कोई होटल की बिखरी ओस में भींग रहा है
कोई होटल की बिखरी ओस में भींग रहा है
Akash Yadav
पेड़ पौधे और खुशहाली
पेड़ पौधे और खुशहाली
Mahender Singh
होरी के हुरियारे
होरी के हुरियारे
Bodhisatva kastooriya
सारे एहसास के
सारे एहसास के
Dr fauzia Naseem shad
3577.💐 *पूर्णिका* 💐
3577.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बेवजह कभी कुछ  नहीं होता,
बेवजह कभी कुछ नहीं होता,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...