संध्या वंदन कीजिए,
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संध्या वंदन कीजिए,
फिर होय न गृह क्लेश
गृहस्थ जीवन में सदा,
उपजे स्नेह विशेष
महावीर उत्तरांचली
संध्या वंदन कीजिए,
फिर होय न गृह क्लेश
गृहस्थ जीवन में सदा,
उपजे स्नेह विशेष
महावीर उत्तरांचली