Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2017 · 1 min read

शौचालय बनवा लो

गाँव गांव की गली गली में, घर घर में लिखवा लो।
शौचालय बनवा लो बाबा, शौचालय बनवा लो।।

भोर सबेरे बेटी बहुएं खुले शौच को जाती।
गली खेत और खुली जगह में शर्म उन्हें हैं आती।।
बारह हजार सरकार दे रही, कुछ घर से लगवा लो।
शौचालय बनवा लो बाबा, शौचालय बनवा लो।।

बिटिया बोल रही पापा से घर में हो शौचालय।
जंगल झाड़ी में जाने को जी लगता हमको है भय।।
आज अभी और इसी वक्त में काम शुरू करवा लो।
शौचालय बनवा लो बाबा, शौचालय बनवा लो।।

खुले शौच पर मक्खी बैठे, गंदे पाँव हैं करती।
गंदे पाँव वही मक्खी फिर भोजन पर है धरती।।
भोजन के संग रोगाणु से हम सब को बचवा लो।
शौचालय बनवा लो बाबा, शौचालय बनवा लो।।

कुछ घर से कुछ मजदूरी से गढ्ढा गोल बना लो।
कुछ गिट्टी कुछ रेत ईट अरु कुछ सीमेंट मंगा लो।।
ईटा मिस्त्री से ईटों को जल्दी से जुड़वा लो।
शौचालय बनवा लो बाबा, शौचालय बनवा लो।।

मानो बाबा मानो बाबा कुछ अपनी भी मानो।
शासन की उपयोगी मंशा को बाबा पहचानों।।
घर में शौचालय बनवाने बाबा को मनवा लो।
शौचालय बनवा लो बाबा, शौचालय बनवा लो।।

-साहेबलाल ‘सरल’

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 1397 Views

Books from साहेबलाल दशरिये सरल

You may also like:
*रामपुर(मुक्तक)*
*रामपुर(मुक्तक)*
Ravi Prakash
The Sacrifice of Ravana
The Sacrifice of Ravana
Abhineet Mittal
चांदनी चकोर सा रिश्ता तेरा मेरा
चांदनी चकोर सा रिश्ता तेरा मेरा
कवि दीपक बवेजा
विचार मंच भाग - 6
विचार मंच भाग - 6
Rohit Kaushik
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
श्री राजा राम राज्य रामायण
श्री राजा राम राज्य रामायण
अरविन्द व्यास
एक दिया जलाये
एक दिया जलाये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ऊपरी इनकम पर आनलाईन के दुष्प्रभाव(व्यंग )
ऊपरी इनकम पर आनलाईन के दुष्प्रभाव(व्यंग )
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का
Rambali Mishra
वाह रे पाखंड!
वाह रे पाखंड!
Shekhar Chandra Mitra
यह आखिरी है दफा
यह आखिरी है दफा
gurudeenverma198
पिता
पिता
Mukesh Jeevanand
जीवन का गीत
जीवन का गीत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जिंदगी का एकाकीपन
जिंदगी का एकाकीपन
मनोज कर्ण
इश्क की गली में जाना छोड़ दिया हमने
इश्क की गली में जाना छोड़ दिया हमने
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
हमारा संविधान
हमारा संविधान
AMRESH KUMAR VERMA
पिता का पता
पिता का पता
Abhishek Pandey Abhi
मातृदिवस
मातृदिवस
Dr Archana Gupta
नादान बनों
नादान बनों
Satish Srijan
🫡💯मेरी competition शायरी💯🫡
🫡💯मेरी competition शायरी💯🫡
Ankit Halke jha
आप इसे पढ़ें या न पढ़ें हम तो बस लिखते रहेंगे ! आप सुने ना सुन
आप इसे पढ़ें या न पढ़ें हम तो बस लिखते...
DrLakshman Jha Parimal
💐प्रेम कौतुक-246💐
💐प्रेम कौतुक-246💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पहलू-ब-पहलू
पहलू-ब-पहलू
Shyam Sundar Subramanian
चलो एक दीप मानवता का।
चलो एक दीप मानवता का।
Taj Mohammad
औरत एक अहिल्या
औरत एक अहिल्या
Surinder blackpen
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
खाना खाया या नहीं ये सवाल नहीं पूछता,
खाना खाया या नहीं ये सवाल नहीं पूछता,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
ठोकर खाया हूँ
ठोकर खाया हूँ
Anamika Singh
स्वाद अच्छा है - डी के निवातिया
स्वाद अच्छा है - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
तेरी आदत सी हो गई दिल को
तेरी आदत सी हो गई दिल को
Dr fauzia Naseem shad
Loading...