गैरों की क्या बात करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्वेद का, हर कण बताता, है जगत ,आधार तुम से।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दिल्ली की कहानी मेरी जुबानी [हास्य व्यंग्य! ]
Anamika Singh
मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हायकु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अभी बाकी है
Lamhe zindagi ke by Pooja bharadawaj
ख़ूब समझते हैं ghazal by Vinit Singh Shayar
Vinit Singh
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
आकाश महेशपुरी
अधजल गगरी छलकत जाए
Vishnu Prasad 'panchotiya'
हिन्दी दोहे विषय- नास्तिक (राना लिधौरी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मिला है जब से साथ तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
प्रेरक संस्मरण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हे तात ! कहा तुम चले गए...
मनोज कर्ण