वो एक तवायफ थी।
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शहर के अदीबों की चाहत थी।
कहने को वो एक तवायफ थी।।
बचता ना कोई तीर ए नज़र से।
वो अदाएं हुस्न से कयामत थी।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
शहर के अदीबों की चाहत थी।
कहने को वो एक तवायफ थी।।
बचता ना कोई तीर ए नज़र से।
वो अदाएं हुस्न से कयामत थी।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️