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30 Jan 2023 · 1 min read

विचारमंच भाग -2

बडा मुनासिब समझा है जाम के प्याले से प्यास बुझाने को l
खैर खयाल रखना प्याले से प्यास बुझ सकती है ,दिल की आग नहीं||(11)
हकीकत को जानना और हसरतें पूरी होना |
हर गुल गुलज़ार की शान नहीं होता(12)
मैं बखूबी पहचानता हूँ इस बहार को, ये हवा भी तो मेरा प्यार ही है||(13)
जमाना गुजर गया उसपर ये यादें, साँसों के साथ ही टिकी हुई है||(14)
तू आँखों से कहती ,मैं आंखों से सुनकर, करूँ जो इशारा|
तू आँखें बडी कर शर्माती जिस पल, संसार मेरा,श्रृंगार तेरा(15)
क्रमश:

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