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24 Feb 2023 · 1 min read

वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।

सैनिकों को सादर समर्पित
गज़ल

212…..1222…..212…..1222
ये वतन हमारा है, गीत इसके गाते हैं।
है नमन वतन पर जो,जान भी लुटाते हैं।

रानी झांसी वाली औ’र, सूर वीर वीर राणा से,
मात्रभूमि पर हॅंस कर, वीरगति को पाते हैं।

शीश मैं झुकाता हूं, धन्य देश के सैनिक,
छोड़ बाल बच्चों को, फ़र्ज़ वो निभाते हैं।

कुछ नहीं है नामुमकिन, उनके सामने यारो,
अपने दम के बल पर वो, आसमां झुकाते हैं।

उनके जैसा प्रेमी भी, दूसरा नहीं देखा।
जिंदगी को देकर ऋण देश का चुकाते हैं।

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
34 Views
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