लोग शोर करते रहे और मैं निस्तब्ध बस सांस लेता रहा,
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/67b8b50ec4a893f0c0560b87f6fd062a_6b9414838ab8d4588b5937c2f292c147_600.jpg)
लोग शोर करते रहे और मैं निस्तब्ध बस सांस लेता रहा,
मेरी ज़िंदगी एक तमाशे के अलावा और कुछ भी नहीं था
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
लोग शोर करते रहे और मैं निस्तब्ध बस सांस लेता रहा,
मेरी ज़िंदगी एक तमाशे के अलावा और कुछ भी नहीं था
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”