Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2023 · 1 min read

लेखनी चलती रही

शैशवी मन के पुलक की कल्पना लिखती रही।
ज़िंदगी धर मृदुल-पग, प्रस्तावना लिखती रही।।

हो वसंती-सा गया मन, नववधू-सी वेदना,
कल्पना मधुयामिनी की कामना लिखती रही।

भावना ने प्रेम-पूरित छंद-लय सब रच दिया,
दिव्यता अभिव्यक्त हो कर, साधना लिखती रही ।।

रूपसी बन मिलन -बेला, हो रही श्रृंगार-रत,
हो समर्पित कामिनी, आराधना लिखती रही।

कर दिया अवरुद्ध जीवन-पथ बदलते बंधनों ने,
आयु विचलित रह, नई संभावना लिखती रही।।

रश्मि लहर

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 56 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
माँ आओ मेरे द्वार
माँ आओ मेरे द्वार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*कोई किसी को न तो सुख देने वाला है और न ही दुःख देने वाला है
*कोई किसी को न तो सुख देने वाला है और न ही दुःख देने वाला है
Shashi kala vyas
उम्मीद का दिया जलाए रखो
उम्मीद का दिया जलाए रखो
Kapil rani (vocational teacher in haryana)
ऋतु बसन्त आने पर
ऋतु बसन्त आने पर
gurudeenverma198
विश्व तुम्हारे हाथों में,
विश्व तुम्हारे हाथों में,
कुंवर बहादुर सिंह
मत सता गरीब को वो गरीबी पर रो देगा।
मत सता गरीब को वो गरीबी पर रो देगा।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
राधे राधे happy Holi
राधे राधे happy Holi
साहित्य गौरव
दुख भोगने वाला तो कल सुखी हो जायेगा पर दुख देने वाला निश्चित
दुख भोगने वाला तो कल सुखी हो जायेगा पर दुख देने वाला निश्चित
dks.lhp
ग़ज़ल - इश्क़ है
ग़ज़ल - इश्क़ है
Mahendra Narayan
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आचार, विचार, व्यवहार और विधि एक समान हैं तो रिश्ते जीवन से श
आचार, विचार, व्यवहार और विधि एक समान हैं तो रिश्ते जीवन से श
विमला महरिया मौज
सूरज की किरणों
सूरज की किरणों
Sidhartha Mishra
-- बेशर्मी बढ़ी --
-- बेशर्मी बढ़ी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मैं यूं ही नहीं इतराता हूं।
मैं यूं ही नहीं इतराता हूं।
नेताम आर सी
बिखरे अल्फ़ाज़
बिखरे अल्फ़ाज़
Satish Srijan
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
💐अज्ञात के प्रति-110💐
💐अज्ञात के प्रति-110💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तार दिल के टूटते हैं, क्या करूँ मैं
तार दिल के टूटते हैं, क्या करूँ मैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
!!दर्पण!!
!!दर्पण!!
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
इस सलीके से तू ज़ुल्फ़ें सवारें मेरी,
इस सलीके से तू ज़ुल्फ़ें सवारें मेरी,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
बिहार
बिहार
समीर कुमार "कन्हैया"
संसार चलाएंगी बेटियां
संसार चलाएंगी बेटियां
Shekhar Chandra Mitra
*पागलपन है चाकू-छुरियाँ, दंगा और फसाद( हिंदी गजल/गीतिका)*
*पागलपन है चाकू-छुरियाँ, दंगा और फसाद( हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
होली के कुण्डलिया
होली के कुण्डलिया
Vijay kumar Pandey
व्यक्तिगत न्याय
व्यक्तिगत न्याय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
I am not born,
I am not born,
Ankita Patel
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
Jay Dewangan
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
कविता
कविता
Vandana Namdev
Loading...