लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/b3d632a6adcb4e80889b8f3a72365d3e_ec9348e64c71e1e26494c4c61d17462a_600.jpg)
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा जाता है ..अभद्रता उसको कभी भाती नहीं है@परिमल
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा जाता है ..अभद्रता उसको कभी भाती नहीं है@परिमल