लहज़ा गुलाब सा है, बातें क़माल हैं
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लहज़ा गुलाब सा है, बातें क़माल हैं
मासूम सी आँखों में कितने सवाल हैं
होश खो के भी मुझे कोई मलाल न रहा
फ़िक्र उन की ही रही, अपना ख़याल न रहा
Ⓒ डॉ. रश्मि झा
लहज़ा गुलाब सा है, बातें क़माल हैं
मासूम सी आँखों में कितने सवाल हैं
होश खो के भी मुझे कोई मलाल न रहा
फ़िक्र उन की ही रही, अपना ख़याल न रहा
Ⓒ डॉ. रश्मि झा