“लफ़्ज़ भी आन बान होते हैं।
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/e6092d49c98a29543bcac233abbc5140_593f45382e289d08a16a749ed45dba29_600.jpg)
“लफ़्ज़ भी आन बान होते हैं।
बिलयकीं पासबान होते हैं।।
सारी दुनिया ख़िलाफ़ होती है।
लफ़्ज़ जब बदगुमान होते हैं।।”
■प्रभात प्रणय■
“लफ़्ज़ भी आन बान होते हैं।
बिलयकीं पासबान होते हैं।।
सारी दुनिया ख़िलाफ़ होती है।
लफ़्ज़ जब बदगुमान होते हैं।।”
■प्रभात प्रणय■