रेणुका और जमदग्नि घर,
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रेणुका और जमदग्नि घर,
जन्मा एक तेजस्वी बालक।
भृगु पौत्र में अद्भुत आभा थी,
जो भया अवनी का संचालक।
भृगु ने रखा था नाम राम,
माँ बाप आँख का तारा था।
फरसा पाकर शिव से वर में,
जग परसू राम पुकारा था।
सहसबाहु की गर्दन काटा था,
सब अत्याचारी मारे थे।
विष्णु के अंश अवतार थे वे,
भक्तों के नित रखवारे थे।
ब्रह्मचारी, परम् तपस्वी वे,
छल प्रपंचों से खाली थे।
शंकर आराध्य थे भार्गव के,
अति क्रोधी अति बलशाली थे।
भृगुनन्दन जन्म दिवस शुभ हो,
भक्तों को आशीर्वाद मिले।
धन धान्य आरोग्य व सुख शांति ,
सुत पौत्र मुख कांति खिले।
श्रीपरशुराम जयन्ती मंगलमय हो