Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2022 · 1 min read

राधा कृष्ण सा प्रेम

??राधा कृष्ण सा प्रेम??
अमर प्रेम हे!तेरा मेरा, जैसे धूप छांव का फेरा।
जनम-जनम चलता रहे,ऐसा ही सिलसिला तेरा मेरा।।

कभी कृष्ण तो कभी मीरा,
कभी राधा सा हो प्रेम घनेरा।
मेरे जीवन की बगिया से,
हट जाएं घनघोर अंधेरा।।

धरा में के प्रेम के पुष्पों से,
लताएं लहर लहर कर डोले।
मिलने तरसे रसपान को,
गुनगुंजन कर बोलें।।

मुझे अपने हर गम दर्द का,
हमराज़ बना लो कान्हा।
सपनों में नहीं तो,
दिल के ख्वाबों में सजा लो कान्हा।।

मेरीजिंदगी में चांदनी बनकर,
मुझको अपना चांद बना लो।
मेरी जिंदगी में अपनी चाहत का रंग भर के,
मुझको अपने होठों की बंसी बना लो।।

कृष्ण प्रेम में दीवानी,
हो गई मीरा बावरी।
दर-दर भटकी कृष्ण विरह में,
रटते रटते कान्हा,
बिता दी उमरिया सारी!!!!!

सुषमा सिंह *उर्मि,,

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 1 Comment · 506 Views

Books from Sushma Singh

You may also like:
दशानन
दशानन
जगदीश शर्मा सहज
हवायें तितलियों के पर काट लेती हैं
हवायें तितलियों के पर काट लेती हैं
कवि दीपक बवेजा
जब-जब तानाशाह डरता है
जब-जब तानाशाह डरता है
Shekhar Chandra Mitra
जो दिल के पास रहते हैं
जो दिल के पास रहते हैं
Ranjana Verma
Qata
Qata
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अलविदा
अलविदा
Dr Rajiv
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मार सकती है इसीलिए होशिय
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मार सकती है...
तरुण सिंह पवार
💐प्रेम कौतुक-386💐
💐प्रेम कौतुक-386💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेरी क्यारी फूल भरी
मेरी क्यारी फूल भरी
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
देशज से परहेज
देशज से परहेज
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रिश्ते
रिश्ते
Shutisha Rajput
बजट
बजट
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सरदार पटेल( दो दोहे )
सरदार पटेल( दो दोहे )
Ravi Prakash
***
*** " बसंती-क़हर और मेरे सांवरे सजन......! " ***
VEDANTA PATEL
चिरकाल तक लहराता अपना तिरंगा रहे
चिरकाल तक लहराता अपना तिरंगा रहे
Suryakant Angara Kavi official
बदलाव
बदलाव
दशरथ रांकावत 'शक्ति'
चाहत का हर सिलसिला ही टूटा है।
चाहत का हर सिलसिला ही टूटा है।
Taj Mohammad
■ ग़ज़ल / ख़ाली निकला...
■ ग़ज़ल / ख़ाली निकला...
*Author प्रणय प्रभात*
होली -रमजान ,दीवाली
होली -रमजान ,दीवाली
DrLakshman Jha Parimal
चांद निकला है तुम्हे देखने के लिए
चांद निकला है तुम्हे देखने के लिए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बिखरे हम टूट के फिर कच्चे मकानों की तरह
बिखरे हम टूट के फिर कच्चे मकानों की तरह
Ashok Ashq
चलती सांसों को
चलती सांसों को
Dr fauzia Naseem shad
अद्भुत सितारा
अद्भुत सितारा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अभिरुचि
अभिरुचि
Shyam Sundar Subramanian
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पहचान
पहचान
Anamika Singh
शक्ति साधना सब करें
शक्ति साधना सब करें
surenderpal vaidya
पढ़ते कहां किताब का
पढ़ते कहां किताब का
RAMESH SHARMA
प्रेम सुखद एहसास।
प्रेम सुखद एहसास।
Anil Mishra Prahari
Ek din ap ke pas har ek
Ek din ap ke pas har ek
Vandana maurya
Loading...