ये आँसू मत बहाओ तुम

ये आँसू मत बहाओ तुम,खुशी तेरी मुझको चाहिए।
ना समझो तुम मुझे दुश्मन, हंसी तेरी मुझको चाहिए।।
ये आँसू मत बहाओ तुम—————-।।
रहे खुशहाल हमेशा तू ,रहे हर गम तुमसे दूर।
मुकम्मल हो तेरे सपनें, इज्जत तेरी मुझको चाहिए।।
ये आँसू मत बहाओ तुम—————–।।
बहुत ही फिक्र है मुझको, तेरी जिंदगी की हमदम।
तेरी बर्बादी नहीं चाहता,बुलन्दी तेरी मुझको चाहिए।।
ये आँसू मत बहाओ तुम—————–।।
नहीं मैं कोई सौदागर, करूँ नीलाम तेरा जो चमन।
रोशन तुमको रखना है, रोशनी तेरी मुझको चाहिए।।
ये आँसू मत बहाओ तुम—————–।।
छोड़कर गर सभी तेरा साथ,तुम्हें तन्हा- जुदा कर दे।
मुझपे अधिकार है तेरा, जिंदगी तेरी मुझको चाहिए।।
ये ऑंसू मत बहाओ तुम——————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)