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21 Nov 2022 · 1 min read

या अल्लाह या मेरे परवरदिगार

या अल्लाह या मेरे परवरदिगार
कर निगाहे करम, दे प्यार ही प्यार
दुनिया हो रही वेजार
आदमी आदमी को खा रहा
नफरतों की आग में जग जल रहा
मज़हब के नाम हिंसा, इंसान ऐसे कर रहा
आखिरियत के लिए,सबाव जैसे भर रहा
या अल्लाह या मेरे परवरदिगार
इंसान और इंसानियत को दे
तेरा नूर दिली प्यार
बुझ जाए नफरतों की आग
दुनिया हो मुहब्बत से गुलजार
हो अमनो अमन शांति, प्यार और प्यार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: English
Tag: Poem
3 Likes · 98 Views
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