यादों के गुलाब
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जिंदगी की चाहत भी एक किताब हैं
सच तो यही तेरी यादों के गुलाब है
जो दोस्ती जमाने की आज न भूलने की बात है
खास तो वो लम्हे तेरी मेरी जिंदगी खास है
जो किताब में तेरे पास मेरे साथ गुलाब है।
आज भी खुशबू मेरे साथ ही महकती है
जब जब पन्नों को पलटती बस जनाब है
हर लम्हा अपने आप में लाजबाव हैं।
बस थोड़ा सुकून और हकीकत बस है। यही तो जिंदगी के गुलाब किताब के साथ हैं।
नीरज