यह नज़र का खेल है
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/d875dea8b1c8dbcf5b3b0a73b60214bb_aa19592a22f3abc26bafcb468b38d89c_600.jpg)
यह नज़र का खेल है आँखें उठाकर देखिए
डालकर आँखों में आँखें मुस्कुराकर देखिए
इक तिलिस्मी ख़्वाब जो आँखों में मेरी क़ैद है
दूर से दिखता नहीं वो पास आकर देखिए
आग दिल की आँख में पानी हुई तो किस तरह
आप ख़ुद की ग़ौर से आँखें गड़ाकर देखिए
हाथ का जादू नहीं है प्यार का जादू है ये
प्यार के जादू को अपने सर चढ़ाकर देखिए
काम आयेगा तुम्हारे यह भी जादू एक दिन
रंज हो दिल में अधिक तब मुस्कुराकर देखिए
— शिवकुमार बिलगरामी