Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2017 · 2 min read

मॉ क्यों?

मॉ क्यों लगती है
मेरी किलकारी
तुझको अपनी लाचारी
मॉ क्यों करती हो तुम
अपनी बिटिया से ही गद्दारी
मॉ आ जाने दो ना
मुझको भी अपने घर-ऑगन में
खुशबू बिखरा कर रख दूंगी मॉ
मैं तेरे वन-उपवन में
मेरे पीछे फिर-फिर
भंवर करेंगे गुन-गुन गुंजन
तितलियॉ मंडराएंगी और
खुल उठेंगे सारे सुमन
मॉ मेरे रूप में खुद को
तुम कर दो ना साकार
मॉ मुझको भी धरती पर लाने का
कर दो तुम उपकार
मॉ मैं भी तेरी दुनिया में
आना चाहती हूं
तेरी मीठी-मीठी लोरी सुन
सोना चाहती हूं
मॉ मैं तेरे साये तले
पलना चाहती हूं
मॉ मैं तेरी उँगली पकड़
चलना चाहती हूं
मॉ मेरी चाहत है
खोलूं मैं तेरे संग
ऑख-मिचौली
जो हम-तुम संग हों
तो कितनी रंगीली होगी
अपनी भी होली
मॉ रखती जब मैं
डगमग-डगमग कदम
मॉ होती कितनी मैं खुश
जब खिल जाता तेरा मन
मॉ अगर न होती मैं
तेरी लाचारी
कितनी होती मैं
तेरी आभारी
तुम बस मेरी मॉ न होती
तुम तो मेरी दिल-ओ-जॉ भी होती
तुम पर तो ऐसे शतियो जनम
मैं कर देती कुर्बान
मॉ एक बार तो दे देती
मुझे अपनी बेटी बनने का सम्मान
मॉ !मैं खूब समझती हूं
तेरी ये लाचारी
मेरे पीछे पड़ी है
ये जालिम दुनिया सारी
पर मेरी मॉ ऐसी
तो न थी कभी नादान
भाई के जैसा अपने दिल में
दे देती मुझे मुकाम
नहीं कोई शिकायत
न शिकवा करूंगी
मॉ बस आज तुमसे
ये दो बातें कहूंगी
मॉ आज मैं उनको
करना चाहती हूं सलाम
जिसने मेरी मॉ को
बेटी बनने का दिया था सम्मान
जिसने मेरी मॉ को बनाया था
अपनी जीवन का शान
जिसने मेरी मॉ के पूरे
कर दिए थे हर अरमान
जिसने मेरी मॉ के पूरे
कर दिए थे हर अरमान।।।।।।।।।।।।।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
।।।।।।।।।।।।।।।।।कविता

1 Comment · 592 Views
You may also like:
खूबियाँ और खामियाँ सभी में होती हैं, पर अगर किसी को आपकी खूब
खूबियाँ और खामियाँ सभी में होती हैं, पर अगर किसी...
Manisha Manjari
ये संघर्ष
ये संघर्ष
Ray's Gupta
दुर्योधन कब मिट पाया :भाग:40
दुर्योधन कब मिट पाया :भाग:40
AJAY AMITABH SUMAN
**अनहद नाद**
**अनहद नाद**
मनोज कर्ण
बनेड़ा रै इतिहास री इक झिळक.............
बनेड़ा रै इतिहास री इक झिळक.............
लक्की सिंह चौहान
कहा तुमने कभी देखो प्रेम  तुमसे ही है जाना
कहा तुमने कभी देखो प्रेम तुमसे ही है जाना
Ranjana Verma
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
553 बां प़काश पर्व गुरु नानक देव जी का जन्म दिन
553 बां प़काश पर्व गुरु नानक देव जी का जन्म...
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
डर को बनाया है हथियार।
डर को बनाया है हथियार।
Taj Mohammad
पीड़ा भी मूक थी
पीड़ा भी मूक थी
Dr fauzia Naseem shad
कब किसके पूरे हुए,  बिना संघर्ष ख्वाब।
कब किसके पूरे हुए, बिना संघर्ष ख्वाब।
जगदीश लववंशी
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
'अशांत' शेखर
मधुमास
मधुमास
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
★उसकी यादें ★
★उसकी यादें ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
तुझसे मिलकर बिछड़ना क्या दस्तूर था (01)
तुझसे मिलकर बिछड़ना क्या दस्तूर था (01)
Dr. Pratibha Mahi
जिस्मौ के बाजार में दिलजार करते हो
जिस्मौ के बाजार में दिलजार करते हो
कवि दीपक बवेजा
सुशांत देश (पंचचामर छंद)
सुशांत देश (पंचचामर छंद)
Rambali Mishra
अंतरिक्ष
अंतरिक्ष
Saraswati Bajpai
वृक्ष बोल उठे..!
वृक्ष बोल उठे..!
Prabhudayal Raniwal
सर्वंश दानी
सर्वंश दानी
Satish Srijan
जीवन आनंद
जीवन आनंद
Shyam Sundar Subramanian
अघोषित आपातकाल में
अघोषित आपातकाल में
Shekhar Chandra Mitra
सर्राफा परिवार मिलन समारोह : स्मारिका/ डायरेक्टरी
सर्राफा परिवार मिलन समारोह : स्मारिका/ डायरेक्टरी
Ravi Prakash
💐 Prodigy Love-13💐
💐 Prodigy Love-13💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
It is not necessary to be beautiful for beauty,
It is not necessary to be beautiful for beauty,
Sakshi Tripathi
" वट वृक्ष सा स्पैक्ट्रम "
Dr Meenu Poonia
'रावण'
'रावण'
Godambari Negi
मैथिली भाषा/साहित्यमे समस्या आ समाधान
मैथिली भाषा/साहित्यमे समस्या आ समाधान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आने वाले साल से, कहे पुराना साल।
आने वाले साल से, कहे पुराना साल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...