Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2023 · 1 min read

मेरे हैं बस दो ख़ुदा

मेरे हैं बस दो ख़ुदा
एक मेरी माँ और दूसरा मेरी जाँ

The_dk_poetry

1 Like · 120 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,
एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
Dheerja Sharma
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है
यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है
gurudeenverma198
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
Ranjeet kumar patre
2511.पूर्णिका
2511.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*कलम जादू भरी जग में, चमत्कारी कहाती है (मुक्तक)*
*कलम जादू भरी जग में, चमत्कारी कहाती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
"मोहब्बत"
Dr. Kishan tandon kranti
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
Phool gufran
25)”हिन्दी भाषा”
25)”हिन्दी भाषा”
Sapna Arora
नीला सफेद रंग सच और रहस्य का सहयोग हैं
नीला सफेद रंग सच और रहस्य का सहयोग हैं
Neeraj Agarwal
माॅ
माॅ
Santosh Shrivastava
छैल छबीली
छैल छबीली
Mahesh Tiwari 'Ayan'
आदि ब्रह्म है राम
आदि ब्रह्म है राम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
शिव तेरा नाम
शिव तेरा नाम
Swami Ganganiya
व्यथा दिल की
व्यथा दिल की
Devesh Bharadwaj
किया आप Tea लवर हो?
किया आप Tea लवर हो?
Urmil Suman(श्री)
सफलता
सफलता
Paras Nath Jha
रोज रात जिन्दगी
रोज रात जिन्दगी
Ragini Kumari
स्त्री
स्त्री
Dinesh Kumar Gangwar
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
कवि रमेशराज
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
आकाश महेशपुरी
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
Shweta Soni
चुनाव का मौसम
चुनाव का मौसम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
संजय कुमार संजू
यही हाल आपके शहर का भी होगा। यक़ीनन।।
यही हाल आपके शहर का भी होगा। यक़ीनन।।
*प्रणय प्रभात*
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
।। परिधि में रहे......।।
।। परिधि में रहे......।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
इत्तिहाद
इत्तिहाद
Shyam Sundar Subramanian
Loading...