मेरे हमसफ़र …
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मेरे हमसफ़र …
निकल भी आओ तस्वीर से अब
आओ छिपा लो
सीने में मेरे सर अपना
मैं तुम्हें अपना बना लूँ
तुम बना लो मुझे अपना
मेरे हमसफर
आओ छिपा लो
सीने में मेरे सर अपना
बहुत गुजार लिए दिन
तन्हा हमने,
आ जाओ छेड़ लें
फिर वही राग ए मोहब्बत पुराना
हों होंठ मेरे तेरे होठों पर
मेरे हमसफर…
आओ छिपा लो
सीने में मेरे सर अपना
थक गए बेहद हम अब,
गुजारे कब तक सफ़र यूँ तन्हा
आओ सजा लें
गुल ए इश्क़ से जिन्दगी अपनी
आओ हमनवॉं,
छिपा लो..
सीने में मेरे सर अपना…!!!!
हिमांशु Kulshreshtha