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15 Jul 2016 · 1 min read

मेरे पापा जल्दी आना

खुशियों की झोली भर कर
फूलों से मुस्कान चुरा कर
मेरे पापा जल्दी आना
लाना अम्बर से चांद चुरा कर

पापा हमें रखना दिल के करीब
मेरी हँसी देखना छूप-छूप कर
मेरे पापा जल्दी आना
सिर पर हाथ फेरना पास बैठा कर

‘मंजु” की बस इतनी सी चाहत
मेरी माँ कहे मुझे पापा की जान
आपके हर सपना पूरा करूँगा
पापा मैं बनाऊँगी अपनी पहचान

पापा मै तेरी शहजादी ,परी रानी हूँ
थोडी अलबेली अठ्खेली सयानी हूँ
मैं सुबह की पुरवा हवाँ सुहानी हूँ
पापा मैं घर कि जलती संध्या रानी हूँ

पापा तेरे आने की आहट से
चेहरा खिल और मुस्कुरा उठती है
मेरे पापा जल्दी आना
नैन मेरे बस तेरी राह देखती है

कवि:- दुष्यंत कुमार पटेल “चित्रांश”

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Comments · 520 Views

Books from Dushyant kumar Patel

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