मेरी हर इक शाम उम्मीदों में गुजर जाती है।। की आएंगे किस रोज
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मेरी हर इक शाम उम्मीदों में गुजर जाती है।। की आएंगे किस रोज मेरे तन पर तारे चमकने।। ★IPS KAMAL THAKUR ★
मेरी हर इक शाम उम्मीदों में गुजर जाती है।। की आएंगे किस रोज मेरे तन पर तारे चमकने।। ★IPS KAMAL THAKUR ★