Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
18 May 2017 · 1 min read

मुक्तक

कैसे कहूँ कि अब तुमसे प्यार नहीं रहा!
कैसे कहूँ कि तेरा इंतजार नहीं रहा!
हरपल करीब होती है तेरी जुस्तजू,
कैसे कहूँ कि तेरा तलबगार नहीं रहा!

#महादेव_की_कविताऐं’

Loading...