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24 Sep 2022 · 1 min read

मुक्तक

पास होकर भी
दूर रहने का एहसास देते हैं

दिल में बसे रहने का करते हैं नाटक
धोखे हज़ार देते हैं

Language: Hindi
3 Likes · 81 Views
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Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

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