Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरे बिना छायी हुई हरतरफ उदासी है!
तेरे बिना अब भी मेरी जिन्दगी प्यासी है!
उम्र थक रही है मेरी मंजिल की तलाश में,
तेरे बिना ठहरी हुयी हर खुशी जरा सी है!

#महादेव_की_कविताऐं'(26)

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
159 Views
You may also like:
तोड़ दे अब जंजीरें
तोड़ दे अब जंजीरें
Shekhar Chandra Mitra
Agar padhne wala kabil ho ,
Agar padhne wala kabil ho ,
Sakshi Tripathi
मौत से यारो किसकी यारी है
मौत से यारो किसकी यारी है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"बेताबियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
💐अज्ञात के प्रति-38💐
💐अज्ञात के प्रति-38💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विचार मंच भाग - 4
विचार मंच भाग - 4
Rohit Kaushik
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Shailendra Aseem
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
शब्द उनके बहुत नुकीले हैं
शब्द उनके बहुत नुकीले हैं
Dr Archana Gupta
लफ़्ज़ों में ढूंढते रहे दिल के सुकून को
लफ़्ज़ों में ढूंढते रहे दिल के सुकून को
Dr fauzia Naseem shad
😊 आज की बात :-
😊 आज की बात :-
*Author प्रणय प्रभात*
ये गीत और ग़ज़ल ही मेरे बाद रहेंगे,
ये गीत और ग़ज़ल ही मेरे बाद रहेंगे,
सत्य कुमार प्रेमी
ये जरूरी नहीं।
ये जरूरी नहीं।
Taj Mohammad
है प्रशंसा पर जरूरी
है प्रशंसा पर जरूरी
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
तुझसे मिलकर बिछड़ना क्या दस्तूर था (01)
तुझसे मिलकर बिछड़ना क्या दस्तूर था (01)
Dr. Pratibha Mahi
बंधे धागे प्रेम के तो
बंधे धागे प्रेम के तो
shabina. Naaz
उसी ने हाल यह किया है
उसी ने हाल यह किया है
gurudeenverma198
एक दिवा रोएगी दुनिया
एक दिवा रोएगी दुनिया
AMRESH KUMAR VERMA
सलाम
सलाम
Dr.S.P. Gautam
बारिश
बारिश
Aksharjeet Ingole
मधुमास
मधुमास
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
ਮੈਂ ਕਿਹਾ ਸੀ ਉਹਨੂੰ
ਮੈਂ ਕਿਹਾ ਸੀ ਉਹਨੂੰ
Surinder blackpen
साधुवाद और धन्यवाद
साधुवाद और धन्यवाद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
पाखंडी मानव
पाखंडी मानव
ओनिका सेतिया 'अनु '
*दिल्ली में (हिंदी गजल/गीतिका)*
*दिल्ली में (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
गोबरैला
गोबरैला
Satish Srijan
अपनेपन का मुखौटा
अपनेपन का मुखौटा
Manisha Manjari
सामन्ती संस्कार
सामन्ती संस्कार
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पिता की पराजय
पिता की पराजय
सूर्यकांत द्विवेदी
आओ अब लौट चलें वह देश ..।
आओ अब लौट चलें वह देश ..।
Buddha Prakash
Loading...