मिलना हम मिलने आएंगे होली में।

गज़ल
22….22….22….22….22….2
मिलना हम मिलने आएंगे होली में।
तुमको भी रॅंग के जाएंगे होली में।
होली है रॅंग से बचना नामुमकिन है,
आप कहां से बच पायेंगे होली में।
नीले पीले लाल गुलाबी गालों को,
सब देखेंगे मुस्कायेंगे होली में।
होली में जब भंग रंग दिखलाएगी,
सब यारो नाचें गाएंगे होली में।
दिल से दिल और आंख मिलाओ मौका है।
फिर से ये अवसर पायेंगे होली में।
नहीं हुई वो मेरी जिसको चाहा था।
और किसी के हो जाएंगे होली में।
रंग चलाएंगे सब पर इतने प्रेमी,
प्यार से सबको नहलाएंगे होली में।
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी