माँ के आँचल में छुप जाना
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माँ के आँचल में छुप जाना
लगता बचपन बहुत सुहाना
आगे पीछे डोला करती
माँ बच्चों के लेकर खाना
हमें प्यार से सुबह जगाकर
भाता माँ का है दुलराना
जल्दी उठना जल्दी सोकर
नहीं छोड़ती माँ सिखलाना
माँ को काम भले हों कितने
नहीं भूलती दवा खिलाना
वे इस जग में खुशकिस्मत हैं
जिन्हें मिला माँ सा नज़राना
नहीं ‘अर्चना’ माँ सा कोई
माँ ममता से भरा खज़ाना
01-12-2022
डॉ अर्चना गुप्ता