Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2024 · 1 min read

महाकाल भोले भंडारी|

महाकाल भोले भंडारी,

नीलकंठ बाघंबरधारी।

मस्तक पर शीतल शशि शोभित,
सिर पे गंगा करती मोहित।
वैरागी कैलाशी शंकर,
भैरव इनका रूप भयंकर।
विरूपाक्ष हे कपालधारी,
महाकाल भोले भंडारी।

वामदेव सदाशिव स्वर्मयी,
पाशविमोचन भर्ग अव्ययी।
कलयुग दुष्टों को संहारो,
हे परमेश्वर सबको तारो।
अंबिकानाथ त्रिशूलधारी,
महाकाल भोले भंडारी।

पापों औ’ तापों के हारक,
शिवाप्रिय पशुपति जगपालक।
हे परमेश्वर आदि अनीश्वर,
उग्र कपाली काल गिरिश्वर।
दया करो नीलकंठधारी,
महाकाल भोले भंडारी।
-वेधा सिंह

87 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Vedha Singh
View all
You may also like:
ग़रीबी तो बचपन छीन लेती है
ग़रीबी तो बचपन छीन लेती है
नूरफातिमा खातून नूरी
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
उस देश के वासी है 🙏
उस देश के वासी है 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
" वो "
Dr. Kishan tandon kranti
2977.*पूर्णिका*
2977.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बहुत दोस्त मेरे बन गये हैं
बहुत दोस्त मेरे बन गये हैं
DrLakshman Jha Parimal
रुसवा दिल
रुसवा दिल
Akash Yadav
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
विचार, संस्कार और रस [ एक ]
विचार, संस्कार और रस [ एक ]
कवि रमेशराज
खामोश किताबें
खामोश किताबें
Madhu Shah
ऐसा कभी नही होगा
ऐसा कभी नही होगा
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
परिभाषा संसार की,
परिभाषा संसार की,
sushil sarna
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*
*"ममता"* पार्ट-3
Radhakishan R. Mundhra
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
🙅खरी-खरी🙅
🙅खरी-खरी🙅
*प्रणय प्रभात*
నా గ్రామం..
నా గ్రామం..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
विराम चिह्न
विराम चिह्न
Neelam Sharma
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
Harminder Kaur
गाँव की याद
गाँव की याद
Rajdeep Singh Inda
श्री कृष्ण भजन
श्री कृष्ण भजन
Khaimsingh Saini
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
Ranjeet kumar patre
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गीतांश....
गीतांश....
Yogini kajol Pathak
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ये जीवन किसी का भी,
ये जीवन किसी का भी,
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...