महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
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महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
मचलते ख्वाब सी है जिंदगी सांसों से निकली जाय।।
बहुत कोशिश किया “कश्यप” की इसको रोक लूं लेकिन ।
फिसलती रेत सी है जिंदगी हाथों से निकली जाय।
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
मचलते ख्वाब सी है जिंदगी सांसों से निकली जाय।।
बहुत कोशिश किया “कश्यप” की इसको रोक लूं लेकिन ।
फिसलती रेत सी है जिंदगी हाथों से निकली जाय।