Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2022 · 1 min read

मजदूर हूॅं साहब

दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करता हूं।
मेरे बच्चे पढ़ जाए
इसीलिए दिन रात मेहनत करता हूं।
कभी ईंट की भट्ठीयों में जलता हूं
कभी सड़कों के किनारे सोता हूं
बस यही सपने लिए फिरता हूं
कि मेरी आने वाली पीढ़ी मेरे जैसा संघर्ष ना करें।

मैं फटा पुराना सब पहनता हूं साब
कभी नमक के साथ रोटी खाता हूं
कभी पानी पी कर सो जाता हूं
बस यही मन से पुकार करता हूं
कि मेरे बच्चे मेरे जैसे दर-दर की ठोकर ना खाएं।

मैं टूटे छत के घर में रहता हूं साब
कभी ठंड में ठिठुरता हूं
कभी गर्मी की लू में जलता हूं
बस यही हमेशा उम्मीद करता हूं
कि मेरे अपने मेरे जैसे कठिनाइयों से ना लड़े।

– दीपक कोहली

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पिता की आंखें
पिता की आंखें
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
Have faith in your doubt
Have faith in your doubt
AJAY AMITABH SUMAN
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अवधी लोकगीत
अवधी लोकगीत
प्रीतम श्रावस्तवी
फुटपाथ
फुटपाथ
Prakash Chandra
तूफ़ानों से लड़करके, दो पंक्षी जग में रहते हैं।
तूफ़ानों से लड़करके, दो पंक्षी जग में रहते हैं।
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
मत रो लाल
मत रो लाल
Shekhar Chandra Mitra
"सौन्दर्य"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम की राह।
प्रेम की राह।
लक्ष्मी सिंह
लड़ते रहो
लड़ते रहो
Vivek Pandey
*यह थाली के बैंगन हैं, हर समय लुढ़कते पाएँगे(हिंदी गजल/गीतिक
*यह थाली के बैंगन हैं, हर समय लुढ़कते पाएँगे(हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
इश्क की गली में जाना छोड़ दिया हमने
इश्क की गली में जाना छोड़ दिया हमने
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
सच्चाई की कीमत
सच्चाई की कीमत
Dr Praveen Thakur
विषय -परिवार
विषय -परिवार
Nanki Patre
वो कभी दूर तो कभी पास थी
वो कभी दूर तो कभी पास थी
'अशांत' शेखर
पुस्तकों से प्यार
पुस्तकों से प्यार
surenderpal vaidya
छाती पर पत्थर /
छाती पर पत्थर /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पतंग
पतंग
अलका 'भारती'
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
फिर से ऐसी कोई भूल मैं
फिर से ऐसी कोई भूल मैं
gurudeenverma198
“ GIVE HONOUR TO THEIR FANS AND FOLLOWERS”
“ GIVE HONOUR TO THEIR FANS AND FOLLOWERS”
DrLakshman Jha Parimal
प्यार की स्टेजे (प्रक्रिया)
प्यार की स्टेजे (प्रक्रिया)
Ram Krishan Rastogi
सिलवटें आखों की कहती सो नहीं पाए हैं आप ।
सिलवटें आखों की कहती सो नहीं पाए हैं आप ।
Prabhu Nath Chaturvedi
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
सत्य कुमार प्रेमी
Love is beyond all the limits .
Love is beyond all the limits .
Sakshi Tripathi
गज़ल (इंसानियत)
गज़ल (इंसानियत)
umesh mehra
💐प्रेम कौतुक-446💐
💐प्रेम कौतुक-446💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हे देश मेरे महबूब है तू,
हे देश मेरे महबूब है तू,
Satish Srijan
चाय बस चाय हैं कोई शराब थोड़ी है।
चाय बस चाय हैं कोई शराब थोड़ी है।
Vishal babu (vishu)
■ सरस्वती वंदना ■
■ सरस्वती वंदना ■
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...